वर्ष 1928 के उसी दिन के स्मरण में जिस दिन सर सी.वी. रमन जी ने रमन प्रभाव की खोज की जिसके लिए उन्हें 1938 में प्रतिष्ठित नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया,पूरे भारतवर्ष की भांति आई.ए.एस.एस.टी भी 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाता है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने हेतु एक राष्ट्रीय स्तर का संस्थान होने के नाते, यह एक ऐसा अवसर है जब आई.ए.एस.एस.टीप्रसिद्ध शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और अन्वेषकों को आमंत्रित करता हैकि वे संबंधित वर्ष के विज्ञान दिवस पर आधारित विषयों पर उच्च विद्यालय तथा कॉलेज के छात्रों, शिक्षकों और आम जनता के साथ-साथ विविध दर्शकों को लोकप्रिय व्याख्यान दें। यह प्रयास वैज्ञानिक सोच के साथ युवा विचारधारा को प्रज्वलित करने का और आम जनता के बीच विज्ञान की हालिया प्रगति के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए है। इसके साथ ही, असम और आस-पास के राज्यों के नवोदित आविष्कारकों को अपने आविष्कारों को इस विशेष अवसर पर एक मंच प्रदान करके शिक्षाविदों और उद्योग के सामने अपने आविष्कारों को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।