कर्मचारी कल्याण

कर्मचारी कल्याणसाधन

स्वास्थ्य सुविधा

संस्थान के पास अपनी चिकित्सा प्रतिपूर्ति प्रणाली है, जिसके माध्यम से सभी कर्मचारियों तथा उनके आश्रित परिवार के सदस्यों के संबंध में सीजीएचएस दरों के अनुसार दोनों अंतरंग एवं बहिरंग उपचार पर हुए व्यय का भुगतान किया जाता है। इसके अलावा संस्थान द्वारा एक एलोपेथिक डॉक्टर नियुक्त किए गए है जो सप्ताह में दो बार यहां आते है। वे संस्थान के साथ- साथ अपने परामर्श कक्ष में भी संस्थान के कर्मचारियों को निःशुल्क परामर्श देते है। रेस्ट बेड और प्रेशर मशीन जैसी सुविधाएं डॉक्टर के कक्ष में आसानी से उपलब्ध हैं।संस्थान ने कर्मचारियों तथा उनपर आश्रित परिवारजनों के लिए केंद्र सरकार/ सीजीएचएस दरों के अनुसार चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए गुवाहाटी के कुछ प्रसिद्ध अस्पतालों के साथ समझौता किया है।

कैंटीन सुविधा

संस्थान में प्राइवेट पार्टी द्वारा स्वचालित कैंटीन की सुविधा उपलब्ध है। कैंटीन में स्वच्छता को ध्यान में रखकर भोजन, स्नैक्स और पेय तैयार किए जाते है और उन्हेंकर्मचारियों, छात्रों और मेहमानों को रियायती दरों पर परोसे जाते हैं।

हितकारी निधि

आई.ए.एस.एस.टी की कर्मचारी हितकारी निधि को कर्मचारियों तथा आई.ए.एस.एस.टी के समान योगदान द्वारा स्थापित किया गया था।सभी नियमित कर्मचारी इसके सदस्य हैं। इसके तहत सेवा में रहते हुए मृत्यु या स्थायी विकलांगता के मामले में सदस्यों द्वारा नामित व्यक्ति को एकमुश्त भुगतानके रूप में लाभ देने की परिकल्पना की गई।

सामूहिक बीमा

संस्थान के सभी कर्मचारियों के लिए जीवन बीमा निगम के अंतर्गत एक सामूहिक बीमा का परिचालन किया जा रहा है। संस्थान के सभी नियमित कर्मचारी योजना के सदस्य हैं।संस्थान द्वारा कर्मचारियों के प्रत्येक समूह के लिए उचित बीमा कवर प्राप्त करने के लिए इस योजना की सदस्यता बनाई गई।

आरक्षण नीति

संस्थान इस संबंध में भारत सरकार के नियमों के अनुसार अपनी सभी नई भर्तियों में अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति/ अन्य पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण प्रतिशत को व्यवहारित करने के लिए पदों के आधार पर रोस्टर तैयार किया है।

राजभाषा नीति

संस्थान राजभाषा अधिनियम के प्रावधानों और उसके जारी किए गए नियमों और निर्देशों को लागू करने पर जोर दे रहा है। संस्थान के सभी पत्रशीर्ष, प्रपत्र आदि द्विभाषी प्रारूप में उपलब्ध हैं। संस्थान का वार्षिक प्रतिवेदन भी द्विभाषी रूप में प्रकाशित किया जाता है। राजभाषा नीति को लागू करने के क्रम में प्रतिवर्ष सितम्बर महीने में हिंदी दिवस/ सप्ताह/ पखवाड़े का संस्थान के सभी सदस्यों द्वारा उत्साहपूर्वक पालन किया जा रहा है।