आई.ए.एस.एस.टी का अत्याधुनिक ट्रांसलेशनल पशु शोध केंद्र संस्थान के परिसर के भीतर ही स्थित है। यह केंद्र सीपीसीएसईए ( पशुओं पर परीक्षण के नियंत्रण एवं पर्यवेक्षण के प्रयोजनार्थ समिति), पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (पशु कल्याण विभाग), भारत सरकार के अंतर्गत पंजीकृत है। वर्तमान इस सुविधा में विभिन्न हर्बल फॉर्मूलेशन, औषधीय जड़ी- बूटियों के प्रभाव की जांच करने के लिए चार प्रकार के प्रयोगशाला पशु जैसे- एल्बिनो चूहें (विस्टार),एल्बिनो चूहें (स्विस), गिनी पिग (डंकन हार्टल), और खरगोश (न्यूज़ीलैंड सफेद) उपलब्ध है, तथा मेटाबोलिक सिंड्रोम से संबंधित स्वास्थ्य विकारों और अन्य बिमारियों पर भी इन-सिलिको द्वारा सिंथेटिक दवाओं का डिज़ाइन किया गया। इसके अलावा, यह केंद्र सीपीसीएसईए के प्रावधानों और अधिनियमों के तहत ट्रांसलेशनल चिकित्सा अनुसंधान के के संचालन के लिए सरकारी और सार्वजनिक/ निजी शैक्षणिक संस्थानों, उद्योगों और वित्त पोषण एजेंसियों के लिए अलग-अलग तरीकों से सहायता कर रहा है।यह केंद्र प्रयोगशाला पशु देखभाल, प्रजनन, प्रबंधन और प्रयोगात्मक तकनीकों के क्षेत्र में आवधिक व्याख्यान एवं प्रशिक्षण आयोजित करने के माध्यम से कुशल श्रमशक्ति के विकास में भी अपना योगदान दे रहा है। हाम ही में, इस केंद्र को अच्छी प्रयोगशाला अभ्यास (जीपीएल)और सीपीसीएसईएके सिद्धांतों के अनुपालन में उन्नत किया गया है।इस विस्तारित सुविधा का एक प्रमुख उद्देश्य आईईएसी अनुमोदित जैव चिकित्सीय अनुसंधान कार्यक्रमों के तहत आई.ए.एस.एस.टी और भारत के उत्तर- पूर्वी भाग के अन्य संस्थानों के वैज्ञानिक स्मुदाय के लिए प्रयोगशाला पशुओं जैसे चूहों,गिनी पिग और खरगोश आदि के स्वस्थ और परिभाषितस्ट्रैंसकी आपूर्ति करना है।पूर्वोत्तर और देश के अन्य हिस्सों के शोधकर्ता इस सुविधा को प्री-क्लीनिकल प्रयोगों के लिए उल्लेखित दर पर आउटसोर्स कर सकते हैं।
- होम
- बारे में
- अनुसंधान
- अकादमिक
- प्रशासन
- सुविधाएं
- आउटरीच
- सूचना
- सर्च