Sl.No. Name of the Technology Brief Description
1 शुष्कता निष्कासन के लिए एक सुघड़ बायो-फिल्म हमने ऑक्सीटाइज्ड कार्बन डॉट्स के संयुग्मन के माध्यम से एक हाइब्रिड हाइड्रोजेल नैनोकम्पोजिट फिल्म विकसित की है, जो काइटोसैन के साथ 11-मर्कैप्टापैडेनोइक एसिड से संश्लेषित होती है, जिसका प्रयोग सीए 2 और एमजी 2 आयनों को हटाने के लिए किया जा सकता है जोखारे पानी को मीठे में परिवर्तित करने के लिए उपयोगी सिद्ध होगा।(संदर्भ: नैनोस्केल,2016, 8, 8542)
2 प्लाज़्मा आधारित कोटिंग प्रौद्योगिकी का उपयोग कर कॉपर रहित मिश्र धातुओं की सतह की सुरक्षा बेल मेटल और पीतल जैसी कॉपर रहित मिश्र धातुओं को जंग लगने से रोकने के लिए एक तकनीक विकसित की गई और प्लाज़्मा आधारित प्रौद्योगिकी का उपयोग का उसे पेटेंट कराया गया। वर्तमान वाणिज्यिक पैमाने पर कोटिंग करवाने हेतु इस प्रौद्योगिकी की अनुकूलन प्रक्रिया जारी है।(संदर्भ: भारतीय पेटेंट सं: 268130 /2015)
3 ऑप्टिकल विधि से कोलेस्ट्रॉल का पता लगाना कालेस्ट्रॉल का पता लगाने से जुड़ी सीमाओं को जानने के लिए हमने हाइड्रोजोन-आधारित ऑर्गोगेल का उपयोग करके नव सीडी द्वारा कोलेस्ट्रॉल के प्रति-एंजाइम फ्लोरेसेंस टर्न-ऑन सेंसर तर्कसंगत रूप से डिज़ाइन किया है। (संदर्भ: एसीएस ओमेगा 2017, 2, 3816)
4 दूध में आर्गेनिक सल्फर की उपस्थिति की जांच के लिए ऑप्टिकल डिटेक्शन सिस्टम, जिससे दूध की गुणवत्ता का विश्लेषण हो एक पेपर कार्बन डॉट (PCDs) आधारित फ्लोरेसेंस सेंसर विकसित किया गया है जो कि एनालिटिक्स में आर्गेनिक और इनआर्गेनिक सल्फर के बीच अंतर कर सकता है। दूध आर्गेनिक सल्फर का समृद्ध स्रोत है इस प्रणाली का उपयोग करके दूध में आर्गेनिक सल्फर की उपस्थिति का पता लगाया जा सकता है। (संदर्भ: आरएससी एड., 2016, 6, 57327)
5 सल्फर डाइऑक्साइड वेपर की कुशल पहचान के लिए सॉलिड स्टेट सेंसर वर्तमान अध्ययन पहली बार 400 एसपी 2 के लिए 3 एस के प्रतिक्रिया समय के साथ और 1.15 पीपीबी एसओ 2 का एक एलओडी परिवेशी स्थिति मेंSO2 वेपर का पता लगाने के लिए एसी विद्युत प्रतिबाधा तकनीक के उपयोग को दर्शाता है।(संदर्भ: जे. मेटर. केम. सी, 2017; 5, 2871)
6 पानी में विलेय पॉलीइलेक्ट्रोलाइट पॉली-2- विनाइल पाइरीडीन हाइड्रोऑडिक एसिड आविष्कार किया गया पॉलीइलेक्ट्रोलाइटउच्च ऊर्जा इलेक्ट्रोमोटिव कोशिकाओं, सुपर कैपेसिटर और पोटॉन संवहन मेम्ब्रेन के माध्यम से फ्यूल सेल अनुप्रयोग को ढूंढेगा। यह पॉलीइलेक्ट्रोलाइट आसानी से सिंथेसिज़ और पानी मे विलेय हो जाता है। यह रीसाइकलबल भी है क्योंकि इसका हाइड्रोजन आयोडाइड (एचआई) मिलाकर पुनः प्रयोग किया जा सकता है। (संदर्भ: दिनांक: 20-06-20143 को स्वीकृत भारतीय पेटेंट सं 256468(1350/KOL/2006)
7 सिल्क फाइब्रोइन-कार्बन नैनोपार्टिकल कंपोजिट का उपयोग करते हुए नाइट्रोअरोमाटिक वेपर के लिए एक लागत प्रभावीकेमिरेसिस्टर यहां विकसित सेंसर एक उत्कृष्ट प्रतिक्रिया समय (0-3) एस और विस्फोटक वेपर टीएनपी तथा टीएनटी का पता लगाने के लिए एक उत्कृष्ट उत्क्रमण प्रदर्शित करता है। (संदर्भ:जे. मेटर. केम. सी,, 2016; 4, 8920)
8 क्वांटम डॉट्स जैसे सुपरसिलेक्टिव और अल्ट्रासेंसिटिव सेंसर पा के लिए संवेदनात्मकप्रणाली द्वारा पिक्रिक एसिड के दृश्य का पता लगाने के लिए एक पोर्टेबल और लागत प्रभावी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण सफलतापूर्वक तैयार किया गया। (संदर्भ: एसीएसएल्पा. मेटर. इंटरफ़ेस, डीओआई: 10.1021/acsami.5b07660)
9 तरल क्रिस्टलीय पॉलिमर से थर्मिस्टर डिवाइस का विकास थोड़े तरल क्रिस्टलीय पॉलिमर से एक थर्मिस्टर डिवाइस विकसित किया गया है। इस पॉलिमर का उपयोग मेथनॉल और जलवाष्प के गैस सेंसर के लिए किया जा सकता है। ये नमी के प्रति बेहद संवेदनशील है और इसी कारण इनका प्रयोग ह्यूमिडीटी सेंसर के लिए भी किया जा सकता है। (भारतीय पेटेंट सं: 296096)
10 अमोनिया वेपर की इलेक्ट्रिकल सेंसिंग इस डिवाइस में व्यापक अनुप्रयोगों की संभावना है, जैसे कि बाजार में सड़ी हुई मछलियों का पता लगाना या सार्वजनिक मूत्रालयों के लिए ऑटो-फ्लश बनाना। (संदर्भ: जे. फिजिक्स. केम. सी119 (2015) 17260)
11 राइस वाइन आई.ए.एस.एस.टीने सुगंधित काले चावल से मूल्य वर्धित शराब के उत्पादन की एक तकनीक विकसित की है, जो स्वाद और रंग में रेड वाइन के समान ही है।इस विधि का प्रयोग पहले प्रयोगशाला पैमाने पर 2 लीटर के किण्वक पर आज़माया गया है। अब इस तकनीकी को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।
12 बायो फंजिसाइड आई.ए.एस.एस.टी के वैज्ञानिकों ने स्ट्रेप्टोमी स्ट्रेंसएसपी. टीटी3 कंसोर्टिया के रूप में माइक्रोब आधारित जैव कीटनाशक विकसित किया है और संस्थान में कीट नियंत्रण क्षमता वाले इन विट्रो और इन-विवो स्क्रीनेड बेहतर एक्टिनोमाइसेट्स का संग्रह है।उनमें से एक चाय बागान में काफी प्रभावी रहा है और इसे “ग्रीन हार्वेस्ट बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड”, गुवाहाटी नामक एक कंपनी को सौंपा गया है।
13 नैनोटेक्नोलॉजी आधारित घाव ड्रेसिंग सामग्री आई.ए.एस.एस.टी के पास नैनोटेक्नोलॉजी का प्रयोग कर उन्नतघाव ड्रेसिंग सामग्री के उत्पादन करने के लिए एक पेटेंट तकनीक उपलब्ध है। इस तकनीक से बनी घाव ड्रेसिंग सामग्री, घाव से चिपकती नहीं है और अपने विशेष नैनो- संरचना के कारण यह संक्रमण फैलने से भी बचाव करती है।
14 मधुमेहरोधी हर्बल फार्मूलेशन/ फाइटोफार्मास्युटिकल आई.ए.एस.एस.टी मैसर्स इमामी लिमिटेड की साझेदारी से एकमधुमेहरोधी हर्बल फार्मूलेशन तैयार करने पर कार्य कर रहा है। डीसीजीआई के नियामक दिशानिर्देशों के अनुसार परियोजना शीर्षक “फाइटोफार्मास्युटिकलडेवलपमेंट ऑफ़ फिक्स सेमीकडाटा बूच.-हैम. एक्स एसएम.” के तहत इसका संचालन किया जा रहा है।
15 चाय के अपशिष्ट से सक्रियकृत कॉर्बन उत्पादन आई.ए.एस.एस.टीमें प्राकृतिक सक्रियण एजेंट का उपयोग करके चाय के अपशिष्ट को सक्रियकृत कार्बन में परिवर्तित करने का एक तरीका विकसित किया गया है।इस सक्रियकृत कार्बन का जल शोधन, डाई और अन्य विषैले अवशोषण के संभावित रुप में प्रयोग किया जा सकता है।
16 जैव उर्वरक उत्तर-पूर्वी भारत में जैविक खेती के महत्व और इसके प्राकृतिक लाभों को ध्यान में रखते हुए, आई.ए.एस.एस.टीके वैज्ञानिक चाय और असम के सुगंधित चावल के लिए एक्टिनोमाइसेट और राइज़ोस्फेरिक बैक्टीरिया के बेहतर स्ट्रैंस से अधिक प्रभावी जैव-उर्वरक विकसित करने पर काम कर रहे हैं।
17 अगली पीढ़ी के प्रो-बायोटिक और प्री-बायोटिक विकसित करना आई.ए.एस.एस.टी ने गट- माइक्रोबियम के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास की अग्रणी भूमिका निभाई है। इसकेचलते अनुकूलित प्री-बायोटिक और प्रो-बायोटिक विकसित करने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
18 जैव तकनीक से वर्धित अगरवुड तेल का उत्पादन अत्याधिक मुल्यवान अगरवुड तेल जो उत्तर पूर्व क्षेत्र में पाया जाता है और आमतौर पर एक्वलारिया जीनस के पौधों पर पलांट पेरासाइट के परस्पर क्रिया के माध्यम से प्रकृति में उत्पन्न होता है, का जैव प्रौद्योगिकी प्रक्रिया का प्रयोग कर आई.ए.एस.एस.टी के प्रयोगशालाफ्लास्क पैमाने पर उत्पादित किया गया। प्रयोगशाला पैमाने पर सफलता प्राप्त करने के पश्चात अब यह व्यवसायिक रूप से व्यवहार्य हेतु पायलट पैमाने पर विकसित करने के लिए ऊष्मायन केंद्रों पर है।
19 प्लाज़्मा उपचारित मुगा फाइबर से निर्मित सर्जिकल सीवन सामग्री ड्रग लोडिंग/रिलीज व्यवहार में सुधार के लिए मुगा फाइबर सतह पर ओ2 प्लाज़्मा उपचार की कार्यात्मकता को सफलता पूर्वक प्राप्त किया गया।ऑक्सीजन प्लाज्मा ने एमोक्सिसिलिन भरी हुई मुगा यार्न का उपचार किया, जो प्रारंभिक चरण में (24 घंटों के भीतर) बर्सट रिलीज व्यवहार प्रदर्शित करता है,336 घंटे तक एंटीबायोटिक दवा के निरंतर रिलीज के बाद। परिणामतः यह स्पष्ट होता है कि निरंतर ड्रग रिलीज के प्रयोग में ऑक्सीजन प्लाज़्मा ट्रीटेड मुगा यार्न को एक संभावित बायोमेटरियल के रूप में व्यवहार किया जा सकता है। (संदर्भ: भारतीय पेटेंट आवेदन सं: 726/KOL/2014)
20 रेमी फाइबर से सर्जिकल सिवनी सामग्री आई.ए.एस.एस.टीके वैज्ञानिकों ने रामी (बोहेमेरिया निविया) संयंत्र के तंतुओं से एक सर्जिकल सिवनी सामग्री विकसित की है, और प्रौद्योगिकी से व्यवहार्य उत्पादों के निर्माण की दिशा में काम कर रहे हैं। यह सर्जिकल सीवन कम लागत की तथा बायोडिग्रेडेबल होनी अपेक्षित है।
21 गर्सिनिया आधारित उत्पाद उत्तर पूर्व क्षेत्र में पाए जाने वाले गार्सिनिया की कुछ किस्मों का स्वास्थ्य लाभ संबंधी अनुसंधान और विकास की अग्रणी गतिविधियां आई.ए.एस.एस.टी में की गई है। अब ऐसे खाद्य उत्पादों को बनाने में गार्सिनिया की किस्मों का उपयोग करने का प्रयास किया जा रहा है, जो स्वास्थ्य लाभ को बरकरार रखते हुए सफल व्यावसायीकरण के लिए आवश्यक मापदंडों को पूरा कर सकते हैं।इस तरह के प्रयासों में से एक है'गार्सिलोना' जिसे आई.ए.एस.एस.टीके 5 पूर्व छात्रों द्वाराबनाया गया जो एक खाने योग्य कैंडी है।
22 इमेज प्रोसेसिंग के द्वारा कैंसर का पता लगाना आई.ए.एस.एस.टी के सेंटर फॉर कम्प्यूटेशनल एंड न्यूमेरिक स्टडीज द्वारा विकसित एक कंप्यूटिंग तकनीक, ने पैप-स्मीयर टेस्ट से ली गई स्लाइड्स के छवि विश्लेषण के आधार पर सर्वाइकल कैंसर का पता लगाने में उल्लेखनीय सटीकता दिखाई है।इस तकनीक को मैसर्स नुमालीगढ़ रिफाइनरीज लिमिटेड ने अपनी सीएसआर गतिविधियों के तहत वित्त पोषण के लिए शॉर्टलिस्ट किया था।लैब स्केल परीक्षणों के बाद, कुछ अस्पतालों की सहकार्यता से अब इस तकनीक काफिल्ड परिक्षण और सत्यापन किया जा रहा है।