गुणवत्ता अनुसंधान के हित में,संस्थान पीएचडी वाइवा (5 वर्ष की समय सीमा के भीतर) के बाद भी मेधावी शोध छात्र को कोर निधि से वित्तीय सहायता देते हुए अपना शोध कार्य जारी रखने की अनुमति दे सकता है निम्नलिखित शर्तों की पूर्ति के आधार पर:
- उनकेपास 10 या उससे अधिक का संचयी प्रभाव कारक होना चाहिए,उनके पीएचडी शोध से प्रत्येक प्रकाशन के साथ प्रभाव कारक 1 या उससे ऊपर पीएचडी वाइवा के दौरान।
- इन शोधार्थियों को कोर निधि से फैलोशिप प्राप्त करने हेतु इस अवधि के दौरान किए जाने वाले प्रस्तावित शोध कार्य को अकादमिक समिति के समक्ष प्रस्तुत करना होगा।
- इस तरह के फैलोशिप की अधिकतम अवधि 1 वर्ष होगी (यानी, प्रत्येक 6 महीने में अधिकतम दो एक्सटेंशन) या5 साल की कुल अवधि के लिए आई.ए.एस.एस.टीमें फेलोशिप पूरा करने तक।