विज्ञान तथा इंजीनियरिंग की समस्याओं से निपटने के लिए विश्लेषणात्मक सोच और कंप्यूटेशनल तकनीकों को अभिनियोजित करने के लिए गणितीय और कंप्यूटेशनल विज्ञान आवश्यक है। आई.ए.एस.एस.टी का गणितीय और कंप्यूटेशनल विज्ञान (एम.एस.सी) प्रभाग, मुख्य रूप से विज्ञान, इंजीनियरिंग और समाज में भौतिक समस्याओं के समाधान में गणित, सांख्यिकी और कंप्यूटर विज्ञान के उपयोग में लगा हुआ हैं। आई.ए.एस.एस.टी के संकाय, अपने व्यक्तिगत अनुसंधान के अलावा, अन्य राष्ट्रीय / अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान और तकनीकी संस्थानों / वैश्विक प्रतिष्ठा के विश्वविद्यालयों के साथ तथा अन्य अनुसंधान प्रभागों में कार्यरत अन्य संकाय सदस्यों के साथ सहयोगात्मक तरीके से भी काम करता है। यहां छात्र बुनियादी ज्ञान और समस्या को सुलझाने के कौशल प्राप्त करते हैं जो उन्हें अकादमिक या उद्योगों संबंधी क्षेत्रों में अपने व्यवसायी करियर का लक्ष्य प्राप्त करने के योग्य बनाता है। हमारे पुर्व छात्र में से अधिकांश वर्तमान विभिन्न राज्यों तथा केंद्रीय विश्विद्यालयों/ संस्थानों, तथा उद्योगों में कार्यरत है।
गणितीय शोध के अंतर्गत टोपोलॉजी, बीजगणित से लेकर अनुप्रयुक्त क्षेत्रों जैसे कि द्रव गतिकी, फजी गणित जैसे प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं। गणितीय का वर्तमान शोध मुख्य रूप से तरल गतिकी और समुद्री विज्ञान और प्रौद्योगिकी, नदी मॉडलिंग और ब्रह्मपुत्र नदी बेसिन में बाढ़ के पूर्वानुमान के संबद्ध क्षेत्रों पर केंद्रित है। सांख्यिकी पर अनुसंधान केंद्रित है लेकिन क्विविंग सिद्धांत तक सीमित नहीं है- स्टोकेस्टिक प्रक्रिया की एक शाखा जो औद्योगिक इंजीनियरिंग, डिजिटल संचार प्रणालियों और दूरसंचार प्रणालियों जैसे अन्य क्षेत्रों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालती है। इस अनुसंधान क्षेत्र में पर्यावरणीय आँकड़े, जीवविज्ञान और महामारी विज्ञान भी शामिल हैं। वर्तमान ये सभी अध्ययन स्वास्थ्य के क्षेत्रों तथा उनके प्रयोगों पर केंद्रित हैं। दूसरी ओर, कंप्यूटर विज्ञान का प्राथमिक अनुसंधान क्षेत्र कंप्यूटर दृष्टि और पैटर्न मान्यता वहा पर केंद्रित है, जहाँ मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग तकनीक का अध्ययन और विकास मेडिकल और बैलिस्टिक डेटासेट पर विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए किया जाता है।