डिजिटल इंडिया के नक्शेकदम पर चलने और संस्थान के सुचारू संचालन के लिए, आई.ए.एस.एस.टीने सूचना और प्रौद्योगिकी से संबंधित कई सुविधाएं प्रस्तुत की है:
- ई-ऑफिस का कार्यांवयन:- एक पारदर्शी शासन- विधि तथा सभी आधिकारिक कार्यों के त्वरित निर्वहन के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी उच्च अध्ययन संस्थान (आई.ए.एस.एस.टी) ने ई-ऑफिस परियोजना विभाग, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी), भारत सरकारके सहयोग से कार्यालय में ई-ऑफिस (ई- फाइल मॉड्यूल) को कार्यांवित किया है।आई.ए.एस.एस.टीने अप्रैल, 2017 में 100% ई-गवर्नेंस और ई- फाइनेंस का कार्यान्वयन पूर्ण किया।
- ई-फाइनेंस पैकेज का कार्यान्वयन:-आई.ए.एस.एस.टीमें वर्ष 2012 से ही ई-फाइनेंस पैकेज का प्रयोग किया जा रहा है और 2018-19 के दौरान, इसमेंकुछ अतिरिक्त सुविधाओं जैसे बारकोड लेबल प्रिंटिंग, एसएमएस अलर्ट, स्वचालितऑर्डर जेनेरेशन आदि को सॉफ्टवेयर के स्टॉक मॉड्यूल में जोड़ा गया है।
- शोधार्थियों के लिए के लिए ई-मेल सुविधा:-सभी शोधार्थियों और शोध कार्य से जुड़े सदस्यों को ईमेल प्रदान करने के लिए एकअलग डोमेन का उपयोग करके क्लाउड आधारित संस्थागत ईमेल होस्टिंग सेवा शुरू की गई है।
- ऑनलाइन नौकरी पोर्टल का कार्यांवयन:- आई.ए.एस.एस.टी ने अपनी प्रमुख रिक्तियों जैसे- पीएच.डी प्रवेश कार्यक्रम आदि के लिए एक अलग ऑनलाइन जॉब पोर्टल शुरू किया जहां आवेदक को ऑनलाइन आवेदन की पूरी प्रक्रिया पूरी करनी होती है, जो मैनुअल हस्तक्षेप के बिना भर्ती और प्रवेश के विभिन्न चरणों में पारदर्शिता बनाए रखता है।
- सीआईएफ सुविधा के लिए ऑनलाइन मांग पोर्टल का विकास:- आई.ए.एस.एस.टी ने आंतरिक तथा बाहरी प्रयोगकर्ताओं के लिए सीआईएफ में उपलब्ध विभिन्न उपकरणों के प्रयोग के लिए ऑनलाइन मांग पोर्टल निर्मित किया है।
- स्मार्ट कैंटीन प्रबंधन प्रणाली का कार्यान्वयन:- फरवरी 2020 से आई.ए.एस.एस.टी से पारंपरिक पेपर कूपन को बदलकर पीओएससिस्टम के साथ वेब आधारित स्मार्ट कैंटीन प्रबंधन प्रणाली को सफलतापूर्वक लागू किया।
- सीपीपीपीऔर सरकारी ई- बाजार(GeM)का व्यवहारकरके ई-प्रोक्योरमेंट प्रक्रियाउपयोग:- आई.ए.एस.एस.टी ने वर्ष 2017 से ही सरकारी ई- बाजार (GeM) के माध्यम से सामान क्रय करना शुरू कर दिया थ। वर्ष 2017-18 से संस्थानने भारत सरकार के केंद्रीय सार्वजनिक खरीद पोर्टल (सीपीपीपी) द्वारा विकसित ई-प्रोक्योरमेंट और ई-पब्लिशिंगनामक मॉड्यूल की मदद से ई-टेंडरिंग प्रक्रिया का उपयोग शुरू कर,टेंडरिंग प्रक्रिया में दशमलव पारदर्शिता पाने में एक और स्तर प्राप्त किया।
वर्ष 2018-19 के दौरान सरकारी ई- बाजार के माध्यम से ₹ 59 लाख से अधिक मूल्य की वस्तुओं को खरीदा गया है।